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लोकतंत्र का उत्सव चल रहा है जनतंत्र खुशियों की ऊंचाई और निराशा कि गहराई मैं डुबकी लगा रहा है I पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव में मतदाताओं को मात्र इतना अधिकार हांसिल होगा कि वह लूटने वालों को एक बार फिर से लूटने के अधिकार का नवीनीकरण कर दें क्योकि जब हर तीसरा उम्मीदवार अपराधी है तो जनता कि सुनने वाला कौन होगा I अन्ना हजारे,बाबा रणदेव के आन्दोलन के बाद लग रहा था कि भ्रस्टाचार बड़ा चुनावी मुद्दा होगा लेकिन अफसोश अन्ना और रामदेव के आन्दोलन में सड़क पर उतरने वाले लोग अब चुनाव कि अंधी में कहीं जातिवाद का झंडा, कहीं धर्म का नगाड़ा कहीं मुस्लिम आरक्षण का झुनझुना ले कर घूम रहे हैं I भारत पर माफिया शब्द की उत्पत्ति करने वाले देश इटली के माफिया वाद ने हमारी जनतांत्रिक जड़ों को अपने सिकंजे में लेकर पूरी सत्ता पर एकाधिकार जमा कर तंत्र से जन को अलग कर दिया है I भारतवासियों सोंचो कि तुम्हारे भविष्य के उत्सव में हर्ष जब आएगा जब तुम भारत के पुनर्निर्माण में जुड़ कर नौकरसाही + परिवारवादी + वंसवादी + जातिवादी + भ्रस्टाचारी + अपराधी + माफिया की बाहें मरोड़कर संसद और विधानसभा में जाने से रोंक लो तब ही तुम लोकतंत्र के सच्चे सिपाही कहे जाओगे अन्यथा हम आप देश के जनतंत्र की हत्या के असली अपराधी कहे जायेंगे I
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